कानपुर शहर में 105 किलोमीटर की आउटर रिंग रोड बनाने पर मुहर तो लग गई है पर इसका निर्माण आसान नहीं है। सबसे बड़ा काम जमीन का अधिग्रहण है। इसमें 15 हजार किसानों की 600 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। केन्द्र सरकार रिंग रोड की लागत में 90 फीसदी धनराशि देने को तैयार है पर जमीन अधिग्रहण में मुआवजे पर आने वाले खर्च को राज्य सरकार के हिस्से में डालने का प्रस्ताव किया है। इससे कानपुर को जाम और हादसों से काफी हद तक राहत मिलेगी। साथ ही कानपुर के विकास को पंख भी लगेंगे। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने फेस-7 में कानपुर की रिंग रोड को शामिल किया है। लखनऊ और वाराणसी की तर्ज पर कानपुर की रिंग रोड भी बनाई जाएगी।