ईद के दूसरे दिन मंगलवार को भी लोग एक दूसरे के घर गए और ईद की मुबारकबाद दी। चमनगंज में ‘टर्र’ का मेला लगा जहां बच्चों और बड़ों ने खूब एन्ज्वॉय किया। मिट्टी के खिलौने हमेशा की तरह आकर्षण का केंद्र रहे। बच्चों ने खूब झूला झूला। इस मौके की खास डिश ‘लुचई’ भी खूब बिकी। शहर में ईद का पर्व तीन दिन मनाया जाता है। घरों में आने-जाने का सिलसिला जारी रहता है। ईद से ज्यादा चहल-पहल दूसरे दिन रहती है। घरों में सिंवई की खूब दावतें होती हैं। खास खानपान तैयार किया जाता है।