कानपुर प्रमुख संवाददाता
घाटमपुर में सांड़ के पटकने से महिला की मौत के बाद शहर के भी कैटिल कैचिंग दस्ते पर सवाल उठने लगे हैं। भले ही नगर निगम आवारा जानवरों का पकड़ने का दावा कर रहा हो पर सच तो यह है कि सांड़ को पकड़कर उन्हें रखने के लिए कोई अलग जगह ही नहीं है। कैटिल कैचिंग दस्ता सांडों को पकड़कर शहर के बाहर छोड़ आता है जबकि गायों को जाजमऊ गौशाला में रखा जाता है। कैटिल कैचिंग दस्ते की बात करें तो वह बेहद कमजोर है। उसके पास इतने संसाधन नहीं हैं कि आवारा जानवरों के खिलाफ अभियान चलाया जा सके। सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद कहने को दस्ता रोज निकलता है तो चंद आवारा मवेशियों को पकड़ने की औपचारिकता निभाई जाती है। कानपुर में आवारा जानवर यानी कुत्तों और सुअरों के लिए फूलबाग और काजी हाउस (फजलगंज) जगह है। जाजमऊ गौशाला में 35 गाय ऐसी है जिनको लेने के लिए ही कोई नहीं आ रहा है।
नगर निगम का कैटल कैचिंग विभाग प्रतिदिन डेढ़ दर्जन आवारा जानवरों को पकड़ रहा है। सीएम के निर्देश मिल चुके हैं जल्द ही इस अभियान में और तेजी लाई जाएगी। -डॉ. एके सिंह, पशु चिकित्सा अधिकारी, नगर निगम