गरजती रही तोप, हर हाथ में था हथियार
कानपुर : एक तरफ धनुष तोप लगातार गोले दाग रही थी। तेज धमाके की आवाज के साथ भारतीय सेना के जवानों का साहस-शौर्य नजर आ रहा था। वहीं, दूसरी ओर किसी के हाथ में लाइट मशीनगन, किसी के हाथ रिवाल्वर तो कोई रायफल थामे खड़ा था। एक से एक आधुनिक हथियार बताने को पर्याप्त थे कि आयुध निर्माणियों ने सेना और सुरक्षा बलों को कितनी ताकत से लैस कर दिया है।1यह कोई जंग का मैदान नहीं, बल्कि एक हॉल मात्र था, जो आयुध निर्माणी कानपुर, फील्ड गन फैक्ट्री, स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री की मेहनत-काबिलियत और भारतीय सेना की ताकत का सुबूत पेश कर रहा था।