जरीब चौकी-औद्योगिक हलचल तो रिहायश भी


       उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कानपुर का कोना-कोना अपनी अलग एवं खास पहचान रखता है। चाहे वह मंदिर श्रंखला के तौर पर हो या कारोबारी इलाके शक्ल में हो।
खास बात यह दिल्ली हावड़ा के मुख्य मार्ग पर परिवहन की व्यवस्थायें भले ही कमजोर हों लेकिन एक शहर से दूसरे शहर को जोड़ने के संसाधन-आधारभूत ढ़ाचा में कहीं कोई कमी नहीं। इस शहर के मध्य से ग्रांड ट्रंक रोड (जी. टी. रोड) गुजरता है तो वहीं कालपी रोड भी यहां से होकर निकलता है। शहर में इन दोनों मुख्य मार्गों का संगम स्थल भी है। इस स्थान को जरीब चौकी चौराहा के तौर पर जाना जाता है। जरीब चौकी चौराहा पर जी टी रोड व कालपी रोड़ एक दूसरे को क्रास करते हैं। जरीब चौकी शहर का खास इलाका माना-पहचाना जाता है। जरीब चौकी खास तौर से एक अतिमिश्रित इलाका है। इस क्षेत्र में गरीब के झोपडे़ हैं तो वहीं शहर के धनाढ्य वर्ग रिहायश भी है। सस्ते एवं अच्छे भोजनालय हैं तो वहीं कारोबार क्षेत्र भी है।
            औद्योगिक क्षेत्र भी यहां खास है। जरीब चौकी का नाम भले ही चौकी अर्थात चौक या फिर चौराहा हो, वस्तुत इस स्थान से शहर के विभिन्न इलाकों को जोड़ने वाले पांच मुख्य मार्ग निकलते हैं। जरीब चौकी से पूर्व दिशा की ओर जाने वाला जी. टी. रोड फतेहपुर, इलाहाबाद होते हुये हावड़ा को चला जाता है। इस मुख्य मार्ग पर आैद्योगिक इकाइयों के साथ ही अब आलीशान शोरुम्स शोभा बढ़ा रहे हैं। कभी इस इलाके में सिंह इंजीनियरिंग्स सहित कई नामचीन इकाईयां आबाद थीं। इसके ठीक बगल से पूर्व दिशा में कालपी रोड गुजरती है। यह सड़क सीधे कानपुर सेंट्रल  रेलवे स्टेशन (घंटाघर) से जोड़ती है। बॉलीवुड के मजे लेने हों तो संगीत सिनेमा हाल है तो वहीं खान-पान के लईया-पट्टी-गजक सहित बहुत कुछ मिलेगा। अलमारी की खरीद करनी हो या सोफा लेना हो, बहुत बड़ा मार्केट मिलेगा।
             इसके उत्तर दिशा में पी. रोड है। पी. रोड सीसामऊ बाजार, गांधी नगर एवं रामबाग सहित कई इलाकों को जोड़ता है। सीसामऊ बाजार सस्ता व गुणवत्तापरक कपड़ा के लिए खास तौर से विख्र्यात है। यह रिहायशी व व्यापारिक मिला-जुला इलाका है। पश्चिम दिशा की ओर जाने वाला मुख्य मार्ग जी. टी रोड है। यह मुख्य मार्ग गुमटी नम्बर पांच से रावतपुर होते हुये कल्याणपुर आदि इलाकों को जोड़ता है। इस सड़क पर टिम्बर के कारखाने हैं तो वहीं मोटर पार्टस सहित टायर-ट्यूब की बड़ी दुकाने हैं।
गुमटी गुरुद्वारा भी इसी सड़क पर है। ह्मदय रोग संस्थान सहित कई चिकित्सा संस्थान भी इसी मार्ग पर हैं। जरीब चौकी से पश्चिम की ओर जाने वाले कालपी रोड पर शहर का एक बड़ा आैद्यंोगिक आस्थान है। कालपी रोड आैद्योगिक आस्थान में आैद्योगिक क्रियाकलाप के अलावा कल-कारखानों के साथ साथ ट्रक-मोटर्स के सुधार-मरम्मत का कार्य भी होता है। जरीब चौकी चौराहा पर एक छोटा किन्तु सुन्दर पार्क है। इसकी देखरेख नगर निगम के अधीनस्थ है। इस पार्क में महाराणा प्रताप की घोडे पर सवार प्रतिमा स्थापित है। यह शहर का अतिव्यस्तम एवं भीड़भाड़ वाला इलाका है।
मौत को फांदकर जरीब चौकी से गुजरती है जिंदगी

-टायर कंपनियों के शोरूम के अतिक्रमण और पुलिस की वसूली के कारण दिनभर जाम और दुर्घटना को झेलते हैं लोग

जरीब चौकी चौराहा यानी शहर के व्यस्ततम चौराहों में से एक। शायद ही कोई दिन ऐसा होता होगा कि जब यहां हादसा नहीं होता है। कभी कोई रोड एक्सीडेंट में चोट खाकर अस्पताल पहुंचता है तो कोई बंद रेलवे क्रॉसिंग से जल्दी निकलने के चक्कर में जान गवां बैठता है।

चक्रव्यूह को तोड़ने के बराबर

क्या है ऐसा इस चौराहे पर जो यहां से निकलना एक ‘चक्रव्यूह’ को तोड़ने के समान होता है। ट्रैफिक मंथ के दौरान आई नेक्स्ट टीम हर व्यस्त चौराहे का रियलिटी चेक कर रही है। मंगलवार को टीम जरीब चौकी चौराहे पर पहुंची तो देखा कि इस चौराहे पर भीषण जाम औसतन हर आधे घंटे में लगता है। जाम लगने का कारण सिर्फ वाहनों का उलझना ही नहीं बल्कि टायर दुकानदारों का अतिक्रमण, टैम्पों ऑटो वालों का चौराहे पर ही सवारी भरना व उतारना और पुलिस की वसूली भी है। कहने को तो यहां ट्रैफिक पुलिस का एक टीआई व चार-पांच सिपाहियों के अलावा सिविल पुलिस भी भारी मात्रा में रहती है, लेकिन इन सभी का जाम लगने पर हटवाने से कोई मतलब नहीं है। उनकी निगाह तो उन ट्रकों और ट्रैक्टरों पर रहती है, जिससे उन्हें अामदनी हो।

टायर शोरूम्स का अतिक्रमण बड़ी वजह

चौराहे के पास ही नामी कंपनियों के टायर के शोरूम वालों ने आधी सड़क घेर रखी है। इन शोरूम्स के टायर्स का ढेर दुकान से 20 फिट आगे तक फैला रहता है। इसके साथ ही जो गाडि़यां टायर्स का एलाइन्मेंट कराने आती हैं, वह भी वहीं सड़क पर खड़ी कराई जाती हैं। इससे आधी सड़क पर वाहनों को तो छोडि़ए पैदल चलने वालों के लिए भी जगह नहीं बची है। खास बात यह कि इन शोरूम्स के संचालकों को कभी पुलिस ने टोका तक नहीं, यही कारण है कि वे चौराहे पर सीना ठोंक कर अतिक्रमण किए बैठे हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि ये दुकानदार पुलिस को ‘सेट’ किए हैं। जिससे इनको कोई रोकता नहीं है। इन लोगों ने रोड को पूरी तरह से घेर लिया है। ऐसे में जाम के दौरान स्थिति और विकट हो जाती है।

रोड पर रोक देते हैं टैम्पो

जाम लगने का दूसरा कारण हैं टैम्पों और ऑटो वाले। चौराहे पर कितनी भी भीड़ लगी हो, लोग जाम से निकलने के लिए जूझ रहे हों, लेकिन टैम्पो-ऑटो वालों को यह सब नहीं दिखता है। वहीं चौराहे के किनारे अपनी गाड़ी खड़ी की और सवारी उतारने अथवा भरने में जुट जाते हैं। जाम लगा रहता है और हार्न का शोर एक चीख की तरह लगता है फिर भी बिना सवारी भरे टैम्पो आगे नहीं बढ़ता है। चौराहे पर खड़ी पुलिस सब देखती रहती है, लेकिन पब्लिक का दर्द अंधे कानून को नहीं ि1दखता है।

क्रॉसिंग बंद ताे रास्ता बंद

इस रास्ते पर राहगीरों की मुसीबत तब और बढ़ जाती है जब रेलवे क्रॉसिंग बंद हो जाती है। फिर जाम का आलम यह होता है कि जीटी रोड पर दोनों तरफ करीब 500 मीटर तक वाहनों की कतार, पीरोड और संगीत टॉकीज की तरफ जाने वाला रास्ता बंद हो जाता है। इधर, क्रॉसिंग बंद होने पर स्कूटर और बाइक वालों में गेट के नीचे से निकलने की होड़ लग जाती है। गेट मैन चिल्लाता रहता है, लेकिन लोग उसकी नहीं सुनते।

क्रॉसिंग का अंदर हिस्सा जर्जर

इस समय यहां क्रॉसिंग के अंदर वाला हिस्सा बुरी तरह से जर्जर हो चुका है। एक स्थान पर तो पटरियां बिल्कुल ऊपर आ गई हैं। इसमें जैसे ही किसी वाहन का पहिया गुजरता है तो वह फिसल जाता है। मंगलवार शाम को आई नेक्स्ट ने देखा कि आधे घंटे के अंदर इस क्रॉसिंग से गुजरने वाले करीब एक दर्जन से अधिक लोग अपनी बाइक या स्कूटर निकालने के चक्कर में गिर पड़े। एक महिला को काफी चोटें भी आ गई। लोगों का कहना था कि ऐसा रोज होता रहता है। कोई देखने वाला ही नहीं है।

गेट मैन का कहना है कि—

क्रॉसिंग की जर्जर स्थिति के बारे में उच्चाधिकारियों को सूचना दे दी गई है। उम्मीद है कि एक दो दिन में यहां रिपेयरिंग का काम होगा। जर्जर हालत से दिनभर लोग गिरते रहते हैं।

-प्रियदर्शी सैनी, गेटमैन, जरीब चौकी रेलवे क्रॉसिंग।

शहरवासियों ने बयां किया दर्द

जरीब चौकी चौराहे पर हमेशा जबरदस्त जाम लगता है, लेकिन किसी भी पुलिस अधिकारी को ये जाम नहीं दिखता है। यहां से लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है। जब क्रॉसिंग बंद होती है तब तो ये मुसीबत और भी ज्यादा बढ़ जाती है।

– वेदप्रकाश

ट्रैफिक मंथ के दौरान भी जरीब चौकी चौराहे का हाल बहुत बुरा है। कालपी रोड के बीच में पड़ने वाले इस चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की कोई व्यवस्था नहीं रहती है, जिससे जाम लगने पर स्थिति और ज्यादा बिगड़ जाती है। कब स्थिति सुधरेगी पता नहीं?

 आनन्द कुमार

जरीब चौकी चौराहे से विजय नगर, गुमटी नंबर 5 और पीरोड की ओर रास्ते जाते हैं। ऐसे में यहां हमेशा जबरदस्त भीड़ रहती है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस का मैनेजमेंट ठीक नहीं है। जिससे जाम लगने से यहां की स्थिति बहुत खराब हो जाती है।

मनीष शर्मा

टायर कंपनीज के शोरूम और दुकानों ने जरीब चौकी के आसपास के एरिया में जबरदस्त अतिक्रमण कर रखा है। ये भी एक बड़ी वजह है कि चौराहे के पास बहुत जाम लगता है। मुझको ये समझ में नहीं आता है कि नगर निगम यहां अतिक्रमण अभियान क्यों नहीं चलाता है।

राजीव कुमार

कानपुर शहर के फूटपाथ चढ़े अतिक्रमण की भेट,एकनज़र जरीब चौकी से फर्नीचरमार्केट की ओर जानेवाले मार्ग का।

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