पहाड़ों पर हो रही बारिश से गंगा उफान पर आ गई है. उफान मारती गंगा की लहरों ने अटल घाट की सीढ़ियों को भी डुबो दिया है. यही नहीं, जहां तक स्टील की रेलिंग लगी हैं, गंगा का पानी वहां तक आ गया है. अटल घाट की सीढ़ियों से टकराती गंगा की लहरें यहां पर आने वाले हर शख्स को आनंदित कर रही हैं. गंगा के उफान पर आने के बावजूद कटरी के गांवों और तटवर्ती क्षेत्रों में फिलहाल बाढ़ का खतरा नहीं है.
पहाड़ो पर जिस तरह से बारिश हो रही है, उसके बाद से गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. गंगा में बढ़ते जलस्तर की वजह से इस समय बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं. बैराज से लगातार तेजी से पानी डिस्चार्ज भी किया जा रहा है. यह डिस्चार्ज नरोरा और हरिद्वार से होने वाले डिस्चार्ज से कहीं ज्यादा है.
यही वजह है कि गंगा की लहरें अब पूरी तरह से उफान मार रही हैं. भादों के महीने में उफान पर आयी गंगा का वेग हर किसी को आनंदित कर रहा है.
चेतावनी बिंदु से दो मीटर दूर हैं गंगा
उफान मारती गंगा में फिलहाल बाढ़ का खतरा नहीं है. शुक्लागंज छोर पर गंगा का जलस्तर 111 मीटर पर पहुंच गया है. गंगा बैराज की अपस्ट्रीम पर जलस्तर 112.74 मीटर और डाउन स्ट्रीम में जलस्तर 112.050 मीटर पर है.
गंगा बैराज के गेज रीडर उत्तम पाल का कहना है कि रविवार को नरोरा से 32,447 क्यूसेक और हरिद्वार से 61,378 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. गंगा बैराज से रविवार को 1,46,814 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया है.
अटल घाट पर दिलकश नजारा
गंगा का जलस्तर बढ़ने से अटल घाट की खूबसूरती सबसे ज्यादा बढ़ गई है. यहां पर बैराज से आने वाली लहरें सीधे अटल घाट की सीढियों से टकरा रही हैं. जिसकी वजह से लहरें और ज्यादा आकर्षित कर रही हैं. कोरोना की वजह से यहां पर भीड़ भले ही कम हो, लेकिन यहां आने वाला हर शख्स इन लम्हों को अपने कैमरे में कैद करने को बेताब दिखा.
रिपोर्ट: सुनील तिवारी