
कानपुर. कभी कानपुर की जिन मिलों से हजारों लोगों की रोजी-रोटी चलती थी वो अब बंद होने जा रही है. रविवार को कानपुर के सर्किट हाउस में बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी ने बीआइसी और अन्य मिलों के यूनियन कर्मचारियों के साथ बैठक की. उन्होंने मीटिंग में कहा कि बीआईसी की सभी मिलों को बंद करने का फैसला हो चुका है. जल्द ही कैबिनेट अपना फैसला सुना देगी.
रविवार को कानपुर में बीजेपी सांसद सत्यदेव कानपुर की मिलों के कर्मचारियों और अधिकारियों से रूबरू हुए. उन्होंने बैठक में कहा कि कैबिनेट ने बीआइसी की सभी मिलों के अधिकारियों और कर्मचारियों को वीआरएस देने का फैसला किया है. कैबिनेट ने इसके लिए कैबिनेट नोट बना लिया है. अक्टूबर-नवंबर में कैबिनेट का ये फैसला आ जाएगा. कैबिनेट के फैसले के बाद इस को वित्त मंत्रालय भेज दिया जाएगा.
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सांसद सत्यदेव पचौरी ने कहा कि बीआइसी के करीब 900 अधिकारियों और कर्मचारियों को 250 करोड़ रुपए देना बाकी है. इसके लिए सरकार वीआरएस के तहत भुगतान करेगी. उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ साल से इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ जाकर अपनी बात रखते आए हैं. जिसे अब सरकार ने मान लिया है.
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कानपुर में बीआइसी की लाल इमली और अन्य मिलों के लगभग 1 हजार कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें 2007 से छठवां वेतनमान देकर रिटायर किया जाए जबकि अभी कर्मचारियों को तीसरे वेतनमान से पैसा मिला. सांसद ने कहा कि वे इस परेशानी को जल्द ही दूर कराएंगे. आपको बता दें कि कानपुर की बीमार मिलों को बंद करने की प्रक्रिया तीन साल से चल रही है.
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