कानपुर तेरे कितने नाम


कुछ साल पहले भारत के जिलों के नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू हुई। कलकत्ता, कोलकता हो गया। मद्रास, चेन्नई। बंबई, मुंबई में बदल गया। और अब बंगलौर, बंगलूरु के रास्ते पर है। इस नाम परिवर्तन में हमारे कानपुर के क्या हाल हैं! बहुत पहले गांव में हम कानपुर के लिये ‘कम्पू’ सुना करते थे। ‘कान्हैपुर’ के हैं, अभी भी यदा-कदा सुनाई दे जाता है। आज से उन्नीस साल पहले जब हमने अपनी फैक्ट्री में पहली बार कदम रखा तो सोचते थे कि OFC का मतलब क्या है। बाद में पता चला कि यह Ordnance Factory, Cawnpore है। कानपुर को अंग्रेजी वर्तनी पहले यही थी। इस बारे में कानपुर से निकलने वाली अनियत कालीन पत्रिका कानपुर कल, आज और कल के खण्ड-२ में एक लेख छपा है- कानपुर ने बनाया वर्तनी का इतिहास। इसके लेखक श्रीमनोज कपूर ने यह लेख कानपुर से जुड़े लोगों की संस्था , कानपुरियम के लिये लिखा है। कानपुर के नामों के बारे में लोगों की जानकारी के लिये यह लेख मनोज कपूरजी के प्रति आभार व्यक्त करते हुये पोस्ट किया जा रहा है।]

786कानपुर कब स्थापित हुआ , इस प्रश्न पर आज भी इतिहासकारों में मतैक्य नहीं है, परन्तु इस मुद्दे पर सभी एकमत हैं कि ‘कानपुर जनपद’ की राजकीय स्थापना २४ मार्च, १८०३ ईसवी को ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने की। सन १७७८ में कम्पनी की फौज ने इस नगर की धरती पर पहली बार कदम रखे। कम्पनी द्वारा नियुक्त प्रथम सर्वेयर जनरल आफ बंगाल जेम्स रेनेल (James Rennel) ने बंगाल के गवर्नर के निर्देश पर गंगा-जमुना के दोआबा का सर्वेक्षण किया तथा सन १७७९ में प्रकाशित मानचित्र में कानपुर को अंग्रेजी में CAUNPOUR लिखा।

१८ वीं शताब्दी के अन्त तक कानपुर एक प्रमुख फौजी छावनी के रूप में स्थापित हो चुका था। अनेक प्रशासनिक एवं फौजी अधिकारियों का कानपुर आना-जाना भी नियमित होने लगा था। साथ ही फौज की आवश्यकताऒं की सम्पूर्ति के लिये योरोपीय व्यवसायी भी यहां आकर बसने लगे थे। तभी से ‘कानपुर’ की अंग्रेजी भाषा में वर्तनी, स्पेलिंग, हिज्जे ने उनकी सुविधा के अनुरूप स्वरूप ग्रहण करना प्रारम्भ किया।

पुरानी कहावत- “कहें खेत की सुने खलिहान की” को चरितार्थ किया अंग्रेजों ने अपनी भाषा में लिखने में। भारतीय स्थान नामों से पूर्णतया अनभिज्ञ इन लोगों ने अपनी-अपनी सुविधानुसार भारतीयों द्वारा उच्चारित शब्दों को जिस रूप में ग्रहण किया उसी को शुद्ध मानते हुये अपनी भाषा में लिख मारा। इसी कारण सन १७७० से सन १९४८ तक अंग्रेजी भाषा में कानपुर की १८ वर्तनी मिलतीं हैं। वैसे तो कानपुर के अतिरिक्त भी अनेक भारतीय नगर हैं जिनकी स्पेलिंग को अंग्रेजों ने अपनी समझ और सुविधा के अनुसार तय करके एक नया रूप दे दिया। यथा -‘दिल्ली’ अंग्रेजी में ‘देहली’ हो गया। ‘कलकत्ता’ अंग्रेजी में ‘कैलकटा’ हो गया। आदि-आदि। परन्तु कानपुर की बात ही निराली है। वर्तनी के इतने विविध रूप तो सम्भवत: विश्व के किसी भी अन्य नगर की संज्ञा को प्राप्त नहीं हुये होंगे जितने ‘कानपुर’ को।

कम्पनी शासन काल में कानपुर का सर्वप्रथम उल्लेख अवध के नबाब के यहां नियुक्त रेजीडेंट, गेव्रियल हार्पर के १० अप्रैल, १७७० के पत्र में प्राप्त होता है। यह पत्र उसने बंगाल के गवर्नर को लिखा था। इस पत्र में उसने कानपुर की अंग्रेजी को CAWNPOOR लिखा था। स्वतंत्रता के बाद तक कानपुर को अंग्रेजी मेंCAWNPORE लिखा जाता था। इस वर्तनी का प्रयोग सन १८५७ में भी हुआ था तथ इम्पीरियल गजट में भी इस वर्तनी को स्थान मिला। यद्यपि इस वर्तनी का सर्वप्रथम प्रयोग सन १७८८ में थामस टिबनिंग(Thomas Twinning) ने अपनी पुस्तक में किया था। यही सर्वाधिक स्वीकृत स्पेलिंग रही।

अंग्रेजों के अतिरिक्त अमेरिकी निवासियों ने भी कानपुर की अंग्रेजी वर्तनी को अपनी समझ के अनुसार नया स्वरूप दिया तथा ‘इन्साइक्लोपीडिया आफ अमेरिका’में इसको CAWNPOR तथा COWNPOR के रूप में लिपिबद्ध किया।

कानपुर ने विदेशियों की समझ की व्यवहारिक कठिनाई के कारण सन १७७० से १९४८ तक, १७८ वर्षों में, अंग्रेजी में १८ वर्तनियां (स्पेलिंग) पाईं, जो सम्भवत: विश्व के किसी भी नगर के संदर्भ में एक कीर्तिमान है।

स्पेलिंगों का यह अध्ययन यह रेखांकित करता है कि CAWNPORE नाम पुकारने का कारण -दूर या पास से KHANPUR इसकी पृष्ठभूमि में था। आगे जिन २० प्रकार से उल्लिखित कानपुर(CAWNPORE) की वर्तनी पाठक पढे़गे, उनमें ८ अंग्रेजी के K से प्रारंभ होती हैं। ये प्रकारान्तर से ‘कान्हपुर’ या ‘कान्हापुर’ से संदर्भित हैं और इस नगर के प्राचीन इतिहास का संकेत करती हैं। शेष १२ वर्तनी की भिन्नता की अंग्रेजी के CAWN से जुड़ी हैं इनमें उच्चारण की भिन्नता की प्रधानता
ही विभिन्न स्पेलिंगों से यह रेखांकित होता है कि CAWN किसी न किसी प्रकार KHAN से जुड़ा था। इसका निर्णय पाठक करेंगे।

वर्तमान वर्तनी -KANPUR स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरान्त सन १९४८ में निश्चित हुई। इससे पूर्व प्रचलित विभिन्न की तालिका ज्ञान रंजन के लिये प्रस्तुत है-

वर्तनीप्रथम प्रयोगकाल प्रयोगकर्ता
1.CAWNPOOR– 1770– गेव्रियल हार्पर
2.CAUNPOUR– 1776– जेम्स रेनेल
3.CAUNPORE– 1785– जेम्स फार्वेस
4.CAWNPOUR– 1788– जेम्स रेनेल
5.KAWNPORE– 1790– फोर्ट विलियम पत्राचार
6.CAWNPORE– 1788– थामस टिवनिंग(सर्वाधिक स्वीकृत वर्तनी, 1857 की क्रांति के बाद से 1948 तक प्रचलित)
7.CAWNPOR — 1795– फोर्ट विलियम पत्राचार
8.CAWNPOR — 1798– फोर्ट विलियम पत्राचार
9.KAUNPOOR– 1798– नक्शा तथा फोर्ट विलियम पत्राचार
10.KHANPORE– —— श्रीमती डियेन सैनिक अधिकारी की पत्नी
11.KHANPURA– —— वाटर हेमिल्टन, ईस्ट इंडिया गजेटियर
12.KHANPORE– —— फारेस्ट एक अंग्रेज यात्री
13.CAUNPOOR– 1815– ईस्ट इंडिया गजेटियर
14.KHANPOOR– 1825– भारत का नक्शा
15.KANHPUR — 1857– नामक चंद की डायरी, मांटगोमरी मिलेसन
16.CAWNPOUR– 1857– क्रांति के उपरान्त प्रकाशित एक पिक्चर पोस्ट कार्ड1881 में प्रकाशित गजेटियर आफ इंडिया
17.CAAWNPORE 1879– मारिया मिलमेन आफ इन्डिया
18.CAWNPOR ——- इनसाक्लोपीडिया आफ अमेरिका
19.COWNPOUR ——- उपरोक्त
20.KANPUR 1948– अन्तिम तथा वर्तमान